Thursday, 12 December 2024

निस्वार्थ भाव से किया गया कर्म हमेशा सफलता की ऊंचाइयों तक ले जाता है |

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण के गीता के उपदेशों को अहम बताया। उन्होंने कहा कि गीता में दिए गए उपदेशों में कर्म करने और फल की इच्छा न रखने का संदेश न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

शिवराज सिंह चौहान ने युवा पीढ़ी को गीता के ज्ञान को अपनाने और उसे अपने जीवन में लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गीता के उपदेशों को अपना कर हम अपने जीवन में बड़े लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं और उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निस्वार्थ भाव से कर्म करना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज द्वारा गीता के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने की सराहना करते हुए कहा कि भारत ऋषि-मुनियों की पावन धरा रहा है, जिन्होंने हमेशा विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना की। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेज़ी से प्रगति कर रहा है, और जल्द ही भारत विश्व गुरु के रूप में उभरकर सामने आएगा।

गीता को जीवन में अपनाना हर व्यक्ति के लिए लाभकारी है, क्योंकि यह हमें सही मार्ग पर चलने और हर चुनौती का सामना करने की शक्ति देती है।

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