Wednesday, 11 December 2024

जयपुरी रजाई और हस्तशिल्प का जादू: गीता महोत्सव में विदेशी पर्यटकों को लुभा रहा है मधु का सामान!

सर्दी में गर्मी का अहसास दिलाती जयपुरी रजाई, जो दिखने में पतली है, लेकिन असर में बेहद प्रभावशाली है, इस समय ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर चल रहे शिल्प मेले में छाई हुई है। मधु, जो पिछले 40 वर्षों से हस्तशिल्प के कार्य में संलग्न हैं, ने अपनी कला से न केवल भारत, बल्कि विदेशों से आए पर्यटकों का भी दिल जीता है।

मधु का स्टॉल विदेशी पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गया है, जहां पर हाथ से बनी रजाई, बेडसीट, कुशन कवर और अन्य सजावटी सामान उपलब्ध हैं। विशेष रूप से जयपुरी रजाई और बेडसीट ने पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया है। उज़्बेकिस्तान के पर्यटक भी मधु द्वारा बनाए गए सामान को पसंद करते हुए, अच्छे दामों पर सामान खरीद रहे हैं।

मधु ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाते हुए महिलाओं को अपने साथ जोड़कर हस्तशिल्प का सामान तैयार किया है, जो न केवल कला का प्रतीक है, बल्कि हमारे देश की पारंपरिक शिल्पकला को बढ़ावा भी देता है।

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